💔 अधूरी चाहत और टूटा भरोसा
एक सच्ची भावनाओं से भरी हिंदी कहानी
🌟 प्रस्तावना
ज़िंदगी के रिश्ते अजीब होते हैं। कभी अनजान लोग दोस्त बन जाते हैं, दोस्ती प्यार में बदल जाती है, और कभी प्यार सिर्फ धोखा और दर्द बनकर रह जाता है।
यह कहानी है – राजीव, आदित्य और सिमी की। तीनों शादीशुदा, तीनों की अपनी-अपनी ज़िंदगी… लेकिन एक रिश्ते की डोर ने सब कुछ बदलकर रख दिया।
🎉 पहली मुलाक़ात – आदित्य ने मिलवाया
ऑफिस की पार्टी थी। आदित्य ने राजीव को सिमी से मिलवाया। पहली मुलाक़ात में ही सिमी और राजीव को लगा कि जैसे बरसों से जानते हों। यहीं से एक नई कहानी की शुरुआत हुई।
😈 आदित्य की असलियत
ऑफिस में आदित्य सबको अपनी गंदी नीयत के लिए जाना जाता था। वह हर औरत पर गलत नज़र डालता और मौके मिलते ही गंदी बातें करता।
सिमी ने जल्दी ही समझ लिया कि आदित्य की दोस्ती सिर्फ स्वार्थ तक सीमित है। इसलिए उसने उससे दूरी बनानी शुरू की।
💬 राजीव और सिमी की दोस्ती
सिमी ने धीरे-धीरे राजीव से बातें करना शुरू किया। कभी लंच, कभी कॉफी, कभी लंबे फोन कॉल।
राजीव उसकी बातें समझता था और उसे सम्मान देता था। यह वही चीज़ थी जो सिमी को आदित्य से कभी नहीं मिली।
🎂 होटल में जन्मदिन
राजीव का जन्मदिन आया तो सिमी ने उसे होटल बुलाया। वहाँ उन्होंने अकेले में केक काटा और लंबा समय साथ बिताया।
उस दिन से उनका रिश्ता दोस्ती से आगे बढ़ता हुआ दिखने लगा।
🔥 पज़ेसिवनेस और जुनून
सिमी अब राजीव को अपना सब कुछ मानने लगी। वह उसकी हर गतिविधि पर नज़र रखने लगी।
सिमी (हरियाणवी लहजे में गुस्से से):
"राजीव, तू अब सिर्फ मेरा सै! तेरी घरवाली होवे या कोई और छोरी, पर तन्नै किसी से शेयर ना करूँगी।"
राजीव घुटन महसूस करने लगा और उसने साफ कहा –
राजीव: "सिमी, हम शादीशुदा हैं। मैं तुम्हारे साथ रिश्ता नहीं निभा सकता। मुझे सिर्फ दोस्ती चाहिए।"
⚡ बड़ा ट्विस्ट – आदित्य की वापसी
राजीव के इंकार ने सिमी को तोड़ दिया। गुस्से और मायूसी में उसने फिर से आदित्य से छुपकर मिलना शुरू कर दिया।
जब राजीव को पता चला तो उसने हैरानी से पूछा –
राजीव: "सिमी, तुमने कहा था आदित्य की नीयत गंदी है। फिर तुम उसी के पास क्यों जा रही हो?"
सिमी (आँखें चुराते हुए): "क्योंकि तूने मुझे ठुकरा दिया राजीव। तेरा साथ नहीं मिला, तो मुझे वही रास्ता अपनाना पड़ा।"
🎭 क्लाइमेक्स – टूटता रिश्ता
राजीव ने साफ कह दिया –
राजीव: "सिमी, मैंने तुम्हें दोस्ती दी थी, इज़्ज़त दी थी। लेकिन तुमने धोखा चुना। अब हमारा कोई रिश्ता नहीं।"
सिमी रोते हुए चिल्लाई – "ना राजीव! तू मेरा सै… तू मेरा सै!"
लेकिन अब देर हो चुकी थी। राजीव चला गया और सिमी फिर उसी जाल में फँस गई जिससे वो कभी निकलना चाहती थी।
✍️ निष्कर्ष
- रिश्तों में भरोसा सबसे ज़रूरी है।
- पज़ेसिवनेस और जुनून रिश्तों को तोड़ देता है।
- गलत इंसान से दूरी बनाना ही असली समझदारी है।